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रेक्टल प्रोलैप्स क्या है? ऐसे चेतावनी संकेत जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

रेक्टल प्रोलैप्स (Rectal Prolapse) एक गंभीर चिकित्सीय समस्या है, जिसमें मलाशय (Rectum) का निचला हिस्सा अपनी सामान्य स्थिति से खिसककर गुदा (Anus) के बाहर निकल आता है। यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है और शुरू में मामूली लक्षणों के साथ दिखाई देती है। लेकिन समय पर उपचार न मिलने पर यह जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि रेक्टल प्रोलैप्स क्या है, इसके कारण, लक्षण, चेतावनी संकेत और उपचार के विकल्प क्या हैं।

रेक्टल प्रोलैप्स क्या है?

रेक्टल प्रोलैप्स वह स्थिति है, जब मलाशय की भीतरी परत या पूरा हिस्सा गुदा मार्ग से बाहर आ जाता है। इसे तीन प्रकारों में बांटा जाता है:

  1. आंतरिक प्रोलैप्स (Internal Prolapse): जब मलाशय अंदर ही अंदर खिसकता है, लेकिन बाहर दिखाई नहीं देता।
  2. अपूर्ण प्रोलैप्स (Partial Prolapse): जब केवल मलाशय की अंदरूनी परत बाहर आती है।
  3. पूर्ण प्रोलैप्स (Complete Prolapse): जब पूरा मलाशय गुदा मार्ग से बाहर निकल आता है।

रेक्टल प्रोलैप्स के प्रमुख कारण

रेक्टल प्रोलैप्स कई वजहों से हो सकता है। इनमें से कुछ मुख्य कारण हैं:

  • कब्ज की समस्या (Chronic Constipation): बार-बार जोर लगाने से मलाशय की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं।
  • लंबे समय तक डायरिया: लगातार दस्त होने से रेक्टल मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है।
  • गर्भावस्था और प्रसव: महिलाओं में यह समस्या गर्भावस्था या सामान्य प्रसव के बाद अधिक देखने को मिलती है।
  • बढ़ती उम्र: उम्र बढ़ने के साथ पेल्विक मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं।
  • न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ: जैसे रीढ़ की हड्डी की चोट, स्ट्रोक या नसों की समस्या।

रेक्टल प्रोलैप्स के लक्षण

रेक्टल प्रोलैप्स के लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ गंभीर रूप ले सकते हैं।

  • मलत्याग के समय गुदा से मांसल ऊतक का बाहर आना
  • लगातार कब्ज या दस्त की समस्या
  • गुदा क्षेत्र में भारीपन या दबाव महसूस होना
  • मलत्याग के बाद भी अधूरापन महसूस होना
  • रक्तस्राव या बलगम निकलना
  • गुदा क्षेत्र में दर्द या असहजता

चेतावनी संकेत जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

अगर आपको निम्नलिखित संकेत दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:

  1. मलाशय का बार-बार बाहर निकलना – खासकर खड़े होने या मलत्याग के दौरान।
  2. मल असंयम (Fecal Incontinence) – यानी मल त्याग पर नियंत्रण न रहना।
  3. लगातार खून आना – जो एनीमिया का कारण बन सकता है।
  4. भारीपन और दर्द – जो चलने-फिरने में बाधा डालता है।
  5. गंभीर कब्ज – लंबे समय तक दवा लेने के बावजूद सुधार न होना।

रेक्टल प्रोलैप्स का निदान

डॉक्टर आमतौर पर शारीरिक जांच, कोलोनोस्कोपी, एमआरआई या डिफेकोग्राफी टेस्ट की मदद से इसका पता लगाते हैं।

उपचार के विकल्प

रेक्टल प्रोलैप्स का उपचार उसकी गंभीरता और मरीज की उम्र पर निर्भर करता है।

  1. जीवनशैली में बदलाव
    • अधिक फाइबर युक्त आहार (फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज)
    • पर्याप्त पानी पीना
    • नियमित व्यायाम
    • कब्ज से बचाव
  2. दवाइयाँ
    • कब्ज या दस्त को नियंत्रित करने के लिए दवाइयाँ दी जा सकती हैं।
  3. सर्जरी
    • गंभीर मामलों में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प होती है।
    • इसमें मलाशय को उसकी सामान्य स्थिति में स्थिर किया जाता है।

रेक्टल प्रोलैप्स एक अनदेखी न करने योग्य समस्या है। इसके शुरुआती लक्षण मामूली लग सकते हैं, लेकिन समय पर इलाज न मिलने पर यह जीवनशैली को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
यदि आपको मलत्याग के दौरान गुदा से मांसल ऊतक का बाहर आना, लगातार कब्ज या खून निकलने जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और समय पर उपचार से इस समस्या से बचा जा सकता है।